एमडीएच और एवरेस्ट के कुछ मसालों में कार्सिनोजेनिक कीटनाशकों की ज़्यादा मौजूदगी के चलते हॉन्ग कॉन्ग सरकार के इन उत्पादों की जांच और बिक्री पर रोक के फैसले के बाद अब अगला नंबर अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन यानि USFDA का है. FDA के ताज़ा बयान के मुताबिक़ अमेरिका भी इस मुद्दे पर नज़र बनाए हुए है और इस पर पूरी जानकारी इकट्ठा की जा रही है.
हॉन्ग कॉन्ग सरकार ने MDH प्राइवेट लिमिटेड और एवरेस्ट फूड प्रोडक्ट्स लिमिटेड के कुछ मसालों में कार्सिनोजेनिक पेस्टिसाइड एथिलीन ऑक्साइड की ज्यादा मात्रा होने के कारण इनकी बिक्री पर रोक लगाने का फैसला किया था. अमेरिका की पर्यावरण संरक्षण एजेंसी के मुताबिक मसालों में पाया गए एथिलीन ऑक्साइड से कैंसर का खतरा होता है. MDH और एवरेस्ट, मसालों के लिए मशहूर भारत के दो सबसे बड़े ब्रांड्स में से हैं.
हॉन्गकॉन्ग की फूड रेगुलेटरी अथॉरिटी सेंटर फॉर फूड सेफ्टी (CFS) ने कहा कि MDH के तीन मसाला प्रॉडक्ट्स मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला और करी पाउडर मिक्स मसाला पाउडर के अलावा एवरेस्ट के फिश करी मसाला में भी कीटनाशक, एथिलीन ऑक्साइड है. CFS ने दुकानदारों को इन सभी उत्पादों की बिक्री रोकने और उत्पादों को दुकान से हटाने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही ये भी रिपोर्ट आई है कि कई दुकानों से इन उत्पादों को पूरी तरह से हटा लिया गया है. दोषी पाए जाने पर अधिकतम 50,000 डॉलर का जुर्माना और छह महीने की कैद हो सकती है। CSF ने कहा कि जांच जारी है और जरूरत पड़ने पर उचित कार्रवाई की जा सकती है।
एवरेस्ट फिश करी मसाला भी बैन
एवरेस्ट के उत्पाद पर सिंगापुर में भी कार्रवाई हुई है. सिंगापुर खाद्य एजेंसी (SFA) ने भी निर्धारित मात्रा से ज्यादा एथिलीन ऑक्साइड पाए जाने के कारण एवरेस्ट फिश करी मसाला को बैन कर दिया है और इसे दुकानों से तुरंत वापस लेने का आदेश दिया है. हालांकि SFA ने ये भी कहा कि एथिलीन ऑक्साइड की कम मात्रा से कोई खतरा नहीं है लेकिन निर्धारित मात्रा से ज्यादा खाना जानलेवा हो सकता है. लंबे समय तक इसे खाने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं और जितना संभव हो इसे कम से कम उपयोग करना चाहिए.