RBI की कार्रवाई के बाद कोटक महिंद्रा बैंक को एक दिन में मार्केट कैप के लिहाज से बड़ा झटका लगा. शेयरों में इस भारी गिरावट से बैंक के सबसे बड़े शेयर होल्डर उदय कोटक की एक ही दिन में करीब 10 हजार करोड़ से ज्यादा की रकम डूब गई, जिससे बैंक के शेयर धारकों में हाहाकार मच गया है.
उदय कोटक के 1.3 बिलियन डॉलर डूबे
कोटक महिन्द्रा बैंक के टेक्नोलॉजी सिस्टम में गड़ बड़ी के चलते RBI ने उसपर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं. RBI ने बैंक में डिजिटल चैनल्स के माध्यम से नए ग्राहकों को जोड़ने और नए क्रेडिट कार्ड जारी करने से रोक लगा दी है जिसके बाद कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर लगभग 11% तक टूट गए. 25 अप्रैल को कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर NSE पर 197.80 रुपए (10.73%) की गिरावट के साथ 1,645.00 रुपये पर बंद हुए, जिससे उदय कोटक को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ क्योंकि बैंक में 26% की हिस्सेदारी के साथ वो सबसे बड़े शेयर होल्डर हैं। बैंक के शेयरों में गिरावट से गुरुवार को उदय कोटक को 1.3 बिलियन डॉलर यानी करीब 10,831.6 करोड़ रुपये का नुकसान हो गया.
30 लाख के लोन से शुरू किया था कारोबार
गुजरात के रहने वाले उदय कोटक ने साल 1985 में परिवार और दोस्तों की मदद से 30 लाख रुपये लोन लेकर एक इनवेस्टमेंट कंपनी की स्थापना की थी. 1986 में उन्होंने इस कंपनी को चलाने के लिए महिंद्रा समूह के साथ साझेदारी की. आगे चलकर उदय कोटक के साथ साझेदार के रूप में गोल्डमैन सैक्स ग्रुप जुड़ा. आगे चलकर यही कंपनी कोटक महिंद्रा बैंक बन गई जो अब RBI की कार्रवाई के बाद चर्चा में है. लंबे समय तक बैंक के CEO रहे उदय कोटक ने साल 2006 में गोल्डमैन सैक्स के साथ अपनी साझेदारी खत्म कर बैंक पर अपनी पकड़ और मजबूत कर ली थी.
कहीं आपका भी तो कोटक बैंक में नहीं है अकाउंट
बैंकिंग सिस्टम में चल रही गड़बड़ियों के कारण RBI ने कोटक महिन्द्रा बैंक के कई कामकाज पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. क्योंकि बैंक के पास ग्राहकों को सुविधाएं देने के लिए पर्याप्त आईटी इंफ्रास्टक्चर नहीं है. 2022 और 2023 के बीच भी RBI ने कोटक महिन्द्रा बैंक में आईटी इंफ्रास्टक्चर नहीं होने को लेकर चिंता जताई थी फिर भी इन कमियों को पूरा नहीं किया गया जिसके चलते RBI को ये प्रतिबंध लगाने पड़े.
नहीं खोल सकते अकाउंट, क्रेडिट कार्ड पर भी पाबंदी
RBI ने कोटक महिंद्रा बैंक में तुरंत प्रभाव से नए क्रेडिट कार्ड जारी करने, ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग के माध्यम से नए ग्राहकों को जोड़ने पर रोक लगा दी है. बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 के सेक्शन 35A की तहत RBI ने अपनी पावर का इस्तेमाल करते हुए कोटक महिंद्रा बैंक के खिलाफ यह कार्रवाई की है। इसके साथ ही RBI ने ये साफ किया है कि जो लोग बैंक के पहले से ग्राहक है उन्हें पहले की तरह सभी सर्विसेज मिलती रहेंगी.
बैंक के टेक्नोलॉजी सिस्टम में समस्या
भारतीय रिजर्व बैंक ने कोटक महिंद्रा बैंक पर अपनी कार्रवाई के लिए बैंक के टेक्नोलॉजी सिस्टम में लगातार चल रही गड़बड़ियों का हवाला दिया है. RBI के अनुसार, कोटक की टेक सिस्टम में खामियों का नुकसान उसके ग्राहकों को उठाना पड़ता है. RBI की यह कार्रवाई कितनी महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 31 दिसंबर 2023 को ख़त्म हुई तिमाही के नतीजों में बताया गया कि उसके बचत खातों में 98% लेनदेन डिजिटल तरीके से किया गया था और अब इस पर रोक बैंक के कामकाज पर बुरा असर डाल रही है.
बैंक के आईटी इन्वेंट्री मैनेजमेंट, यूजर एक्सेस मैनेजमेंट, वेंडर रिस्क मैनेजमेंट, डेटा सिक्योरिटी और डेटा लीक प्रिवेंशन स्ट्रैटजी जैसे क्षेत्रों में RBI को कई कमियां मिली थीं, जिसकी पिछले साल से जांच हो रही थी. इसके लेकर RBI ने वॉर्निंग भी दी थी लेकिन कोटक महिन्द्रा बैंक कोई ठोस कदम नहीं उठा पाया, जिसके बाद ये कार्रवाई की गई. ये प्रतिबंध कब तक जारी रहेंगे इसका उत्तर बैंक के एक्सटर्नल ऑडिट के बाद की आएगा. इस एक्सटर्नल ऑडिट के लिए बैंक को RBI की पहले से मंजूरी लेनी होगी. बैंक को RBI के इन्सपेक्शन और एक्सटर्नल ऑडिट में बताई गई सभी कमियों को भी दूर करना होगा.
इस पूरे मामले में कोटक महिंद्रा बैंक का कहना है कि उसने अपने IT सिस्टम को मजबूत करने के लिए नई तकनीक को अपनाने के लिए कदम उठाए हैं और जल्द से जल्द दूसरे मुद्दों को भी तेजी से हल कर लिया जाएगा जिसके लिए RBI के साथ मिलकर काम किया जाएगा. कोटक महिंद्रा बैंक पर की गई कार्रवाई उदय कोटक और RBI के बीच का ये कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी विवाद हो चुका है जब कोटक महिंद्रा बैंक में अपनी हिस्सेदारी के आकार को लेकर उदय कोटक RBI के खिलाफ अदालत तक गए थे, हालांकि उदय कोटक अंत में 2020 में अपने स्टेक को कम करने पर सहमत हुए जिससे विवाद खत्म हो गया था
कोटक महिंद्रा बैंक पर RBI की मार से LIC को नुकसान, गंवाए करीब ₹2569 करोड़
कोटक महिंद्रा बैंक पर RBI के प्रतिबंधों के बाद उसके शेयर गिरने से करीब 40,000 करोड़ का नुकसान हुआ है. कोटक महिंद्रा बैंक में म्यूचुअल फंड की लगभग 12.82% हिस्सेदारी है. इसके अलावा कोटक महिंद्रा बैंक में बीमा कंपनियों की 8.69% हिस्सेदारी है जिसमें 6.46% हिस्सेदारी केवल LIC की है. इस तरह कोटक के शेयरों में गिरावट से बीमा कंपनियों को भी करीब ₹3456 करोड़ का नुकसान हुआ, जिसमें भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) को इस बिकवाली में करीब ₹2569 करोड़ रुपये गंवाने पड़े हैं.